
गज पर सवार होकर आ रही माँ दुर्गा जो है शुभ संकेत-पंडित द्विवेदी
नवरात्रि में मां दुर्गा का आगमन विशेष सवारी या वाहन में होता है. मां की सवारी के ही शुभ-अशुभ समय का अनुमान लगाया जाता है. इस बार शारदीय नवरात्रि में माता रानी हाथी पर सवार होकर आएंगी.
पंडित अतुल कृष्ण द्विवेदी के अनुसार
नवरात्रि का त्योहार साल में चार बार मनाया जाता है, जिसमें दो प्रत्यक्ष और दो अप्रत्यक्ष नवरात्र होते हैं. आश्विन माह में पड़ने वाली नवरात्रि को शारदीय नवरात्रि कहा जाता है. शारदीय नवरात्रि प्रत्यक्ष नवरात्रि होती है, जिसे देशभर में उत्सव की तरह धूमधाम के साथ मनाया जाता है. साथ ही शारदीय नवरात्रि अन्य तीनों नवरात्रि में सबसे अधिक प्रचलित और लोकप्रिय भी है.
पंचांग के मुताबिक नौ दिवसीय नवरात्रि का पर्व आश्विन शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा से नवमी तक होता है. तिथि अनुसार इस बार शारदीय नवरात्रि की शुरुआत सोमवार २२ सितंबर से हो रही है, जिसका समापन २ अक्टूबर 2025 को होगा. इस बार तिथि भेद ( चतुर्थी तिथि )होने के कारण 10 दिन की नवरात्रि होगी , नवरात्रि के इन दस दिनों में जगत जननी आदिशक्ति मां दुर्गा ने अलग-अलग नौ रूपों की पूजा की जाती है.
हाथी पर सवार होकर आ रही हैं माता रानी
पंडित द्विवेदी बताते है की माता रानी के आगमन या विदाई का वाहन क्या होगा यह वार के अनुसार तय होता है. इसलिए हर बार माता रानी की सवारी बदल जाती है. इस वर्ष शारदीय नवरात्रि की शुरुआत सोमवार के दिन से होगी. ऐसे में माता रानी का वाहन हाथी रहेगा. कहा जाता है कि नवरात्रि की शुरुआत जब सोमवार के दिन होती है तो मां की सवारी हाथी होती है.
पंडित द्विवेदी बताते है की शारदीय नवरात्रि में दुर्गा सप्तशती के पाठ का भी विशेष महत्व है ऐसी मान्यता है कि श्री दुर्गा सप्तशती का पाठ करने से व्यक्ति की सभी मनोकामना जैसे नौकरी संतान भूमि भवन और वाहन सभी मनोकामनाएं जल्द पूर्ण होती है। यदि दुर्गा सप्तशती का पाठ सही समय पर किया जाए तो माता रानी की अति विशेष कृपा प्राप्त होती है।
इस वर्ष भी चांपा नगर की आराध्य देवी माँ समलेश्वरी मंदिर में शारदीय नवरात्रि की तैयारी जोरो से चल रही है मंदिर में
मनोकामना ज्योति कलश प्रज्वलित करने की व्यवस्था की गई है एवं प्रतिदिन माँ के समक्ष दुर्गा सप्तशती पाठ एवं विशेष श्रृंगार एवं
पूजन अर्चना की जाएगी आप सभी भक्त सादर आमंत्रित है




