


छत्तीसगढ़ का बढ़ा मान: मनोज अग्रवाल के नेतृत्व में ‘जीवनधारा नमामि गंगे’ ने रचा इतिहास
IIPA से आधिकारिक प्रशिक्षण पाने वाली देश की पहली गैर-सरकारी संस्था बनी; प्रदेश अध्यक्ष मनोज अग्रवाल और उनकी टीम ने निभाई अहम भूमिका
नई दिल्ली/रायपुर:
भारत सरकार के जल शक्ति मंत्रालय के ‘नमामि गंगे’ मिशन को जन-जन तक पहुँचाने के लिए कार्यरत संस्था ‘जीवनधारा नमामि गंगे’ ने राष्ट्रीय स्तर पर इतिहास रच दिया है। संस्था को नई दिल्ली स्थित प्रतिष्ठित भारतीय लोक प्रशासन संस्थान (IIPA) में विशेष प्रशिक्षण प्राप्त करने का गौरव हासिल हुआ है। इस ऐतिहासिक उपलब्धि में छत्तीसगढ़ की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण रही, जहाँ प्रदेश अध्यक्ष श्री मनोज अग्रवाल के नेतृत्व में राज्य के प्रतिनिधिमंडल ने सक्रिय भागीदारी निभाई।
यह भारत के इतिहास में पहली बार है जब IIPA जैसे विश्वस्तरीय संस्थान ने किसी गैर-सरकारी संगठन (NGO) को आधिकारिक रूप से प्रशिक्षित किया है।
छत्तीसगढ़ के प्रतिनिधिमंडल ने बढ़ाया गौरव
इस उच्च स्तरीय प्रशिक्षण कार्यशाला और ‘शिखर सम्मेलन’ में छत्तीसगढ़ का प्रतिनिधित्व बेहद मजबूत रहा। प्रदेश अध्यक्ष श्री मनोज अग्रवाल की अगुवाई में राज्य के विभिन्न जिलों से आए वरिष्ठ पदाधिकारियों ने माँ गंगा की अविरलता और निर्मलता के संकल्प को दोहराया।
श्री अग्रवाल ने बताया कि IIPA में मिला यह प्रशिक्षण न केवल संस्था के लिए, बल्कि छत्तीसगढ़ के लिए भी गर्व का विषय है। उन्होंने कहा कि यहाँ से प्राप्त ज्ञान और तकनीकों का उपयोग अब छत्तीसगढ़ की नदियों के संरक्षण और स्वच्छता अभियान में किया जाएगा।
छत्तीसगढ़ से शामिल हुए प्रमुख पदाधिकारी:
इस ऐतिहासिक क्षण के साक्षी बनने वाले छत्तीसगढ़ के दल में निम्नलिखित पदाधिकारी विशेष रूप से शामिल रहे:
श्री मनोज अग्रवाल (प्रदेश अध्यक्ष)
श्रीमती गीता सिंह (प्रदेश प्रभारी)
श्री उमेश रस्तोगी (प्रदेश सचिव)
जांजगीर-चांपा: श्री रामरतन श्रीवास
पेंड्रा रोड: श्रीमती संध्या शर्मा और श्री शिव शर्मा
रायगढ़: श्रीमती मनीषा पाण्डेय
बिलासपुर: श्रीमती रिजवाना और श्रीमती क्षमा राजपूत
ऐतिहासिक प्रशिक्षण और ‘पंचगंगा’ का संकल्प
नई दिल्ली में आयोजित इस कार्यक्रम में IIPA के वरिष्ठ प्रोफ़ेसर श्री विनोद कुमार शर्मा, रजिस्ट्रार श्री अमिताभ रंजन और डॉ. साकेत बिहारी ने संस्था के पदाधिकारियों को प्रशिक्षित किया। कार्यशाला का मुख्य उद्देश्य नमामि गंगे के 5 संकल्पों (पंचगंगा) को धरातल पर उतारना था: अविरल गंगा, निर्मल गंगा, अर्थ गंगा, जन गंगा और ज्ञान गंगा।
प्रशिक्षण का समापन और प्रमाण पत्र वितरण
सफल प्रशिक्षण और शिखर सम्मेलन के अंत में, पदाधिकारियों के राष्ट्रीय कार्य को आधिकारिक मान्यता देते हुए प्रमाण पत्र वितरित किए गए।
IIPA प्रशिक्षण प्रमाण पत्र: प्रशिक्षण कार्यशाला सफलतापूर्वक पूरी करने वाले सभी प्रशिक्षुओं को IIPA द्वारा उनकी योग्यता और भागीदारी का प्रमाण पत्र प्रदान किया गया।
संस्थान प्रमाण पत्र: शिखर सम्मेलन से एक दिन पूर्व, जीवनधारा नमामि गंगे संस्थान के सदस्यों को उनके संगठन की पहचान और सदस्यता की पुष्टि के लिए संस्थान का प्रमाण पत्र भी दिया गया।
विस्तार का नया रोडमैप तैयार
प्रशिक्षण से पूर्व आयोजित ‘शिखर सम्मेलन’ में राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री हरिओम शर्मा ने विस्तार की योजनाओं पर चर्चा की। श्री मनोज अग्रवाल और छत्तीसगढ़ टीम की सक्रियता को देखते हुए राज्य में संगठन के विस्तार और राष्ट्रव्यापी सदस्यता अभियान को गति देने का संकल्प लिया गया।
श्री मनोज अग्रवाल ने विश्वास दिलाया कि इस ऐतिहासिक प्रशिक्षण के बाद, ‘जीवनधारा नमामि गंगे’ छत्तीसगढ़ में जल संरक्षण और पर्यावरण जागरूकता की दिशा में एक क्रांतिकारी लहर लेकर आएगी।



