
जांजगीर-चांपा, 18 नवंबर 2025
जांजगीर-चांपा जिले में खोखसा फाटक से जोबी होकर बिरगहनी और चांपा को जोड़ने वाली सड़क कभी ग्रामीणों की आसान और सुरक्षित यात्रा का प्रमुख मार्ग हुआ करती थी। दोनों ग्राम पंचायतों ने मिलकर समझदारी दिखाते हुए ग्रामीणों की सुविधा के लिए सीसी रोड का निर्माण कराया था, जिससे चांपा और जांजगीर की दूरी कम हुई और लोगों को सुरक्षित आवागमन मिल पाया।
लेकिन आज यही सड़क… सड़क कम और गड्ढों का जंगल ज्यादा दिखाई देती है!
रेलवे द्वारा अपने हिस्से की जमीन का घेराव शुरू होते ही उसके ठेकेदारों ने बिना किसी अनुमति, भारी-भरकम वाहनों का आवागमन इसी सीसी रोड पर शुरू कर दिया। जहाँ केवल हल्के वाहनों के लिए यह सड़क बनाई गई थी, वहाँ अब रोजाना ऐसे हैवी व्हीकल दौड़ रहे हैं जिनका वजन सड़क की क्षमता से कई गुना अधिक है।
परिणाम यह हुआ कि कभी मजबूत रही यह सीसी रोड आज पूरी तरह टूटी–फूटी, उखड़ी हुई और गड्ढों से भरी नजर आती है। सड़क पर चलते हुए ऐसा लगता है मानो डामर या सीमेंट की जगह गड्ढों की लंबी कतारें बिछा दी गई हों।
सबसे बड़ा सवाल यह है कि—
जिसने नुकसान किया, उसकी जिम्मेदारी भी उसी की होती है।
लेकिन यहाँ रेलवे ठेकेदारों द्वारा किए गए नुकसान की भरपाई के लिए न तो कोई सामने आ रहा है और न ही कोई मरम्मत कार्य शुरू हुआ है। ग्रामीणों के अनुसार आज यह सड़क रोड नहीं… बल्कि गड्ढों का नक्शा बन चुकी है।
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ग्राउंड बाइट्स
बाइट — 01: किशन, बिरगहनी ग्रामीण
“हम लोगों ने अपनी सुविधा के लिए सड़क बनवाई थी, लेकिन भारी वाहनों ने इसे पूरी तरह बर्बाद कर दिया। आज गांववालों को रोज खतरे में सफर करना पड़ता है।”
बाइट — 02: गजपति, राहगीर
“इस सड़क से गुजरना मुश्किल हो गया है। बाइक फिसलने से रोज हादसे हो रहे हैं। जिम्मेदार कोई ध्यान नहीं दे रहा।”
बाइट — 03: रामलाल कश्यप, जोबी ग्रामीण
“रेलवे के ठेकेदारों ने अपने काम के लिए सड़क का इस्तेमाल किया, लेकिन सुधार की तरफ कोई कदम नहीं उठाया। ग्रामीण बेहद परेशान हैं।”
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ग्रामीणों की मेहनत और पंचायतों की पहल से बनी यह सड़क, अब भारी वाहनों की लापरवाही का शिकार हो चुकी है। ग्रामीण मांग कर रहे हैं कि रेलवे विभाग और ठेकेदार तत्काल सड़क की मरम्मत करवाकर जिम्मेदारी निभाएं, ताकि आवागमन फिर से सुगम हो सके।









