रासेयो ईकाई सुखरीकला के स्वयंसेवको ने सीखा बांस हस्तशिल्प कला

img 20251109 wa06121936506807602582270 Console Corptech
img 20251109 wa06112819134603912284544 Console Corptech

रासेयो ईकाई सुखरीकला के स्वयंसेवको ने सीखा बांस हस्तशिल्प कला


स्वयंसेवकों ने बनाना सीखा सूपा,पर्रा,टूकनी और झउहा


बांस हस्तशिल्प शिल्प रोजगार एवं लघु उद्योग का मिशाल


चांपा/सुखरीकला। राष्ट्रीय सेवा योजना ईकाई सुखरीकला के स्वयंसेवको ने कार्यक्रम अधिकारी आरके राठौर एवं सहायक कार्यक्रम अधिकारी एमआर राज के मार्गदर्शन मे तथा संस्था प्रमुख प्राचार्य बीएल चौधरी के निर्देशन मे समीपस्थ ग्राम भदरापाली (बहेराडीह)मे जा कर बांस शिल्प हस्त कला सिखे। ग्राम भदरापाली के बंसोर जाति के द्वारा बांस हस्तशिल्प कला के द्वारा उपयोगी वस्तु झांपी, सूपा, टोकरी, पर्री -पर्रा, टुकनी, झउहा,छिपी, मछली पकड़ने की जाल, ट्री गार्ड, फूलदान, पेनदान, चटाई, हाथ पंखा, सोफा, कुर्सी, और झूले फर्नीचर आदि चीजे हाथो से बनाते है। रासेयो स्वयंसेवक आर्यन टंडन, रघुबीर सिंह कंवर, गौकरण, जागृति मन्नेवार,कंचन, किरण, कृति,प्राची, नम्रता बरेठ, अंजलि, दुर्गेश्वरी कश्यप, निशा बरेठ, सहित छात्र छात्राओ ने छिपी, सूपा, पर्रा,टोकरी,झ उहा,आदि कई बांस हस्तशिल्प कला सिखे। विद्यालय के व्याख्याता श्रीमति मौसमी अवस्थी तथा श्रीमति अनिता साहु ने बालिका स्वयंसेवको को बांस हस्तशिल्प बनाने मे सहयोग कर बांस के टोकरी का निर्माण किये। कार्यक्रम मे एलएन सोनकर सहित विद्यालय के स्वयंसेवको का सक्रिय सहयोग रहा।
ज्ञात रहे कि ग्राम बहेराडीह  समीपस्थ भदरापाली मे कुछ बंसोर जाति के लोगो का बांस हस्तशिल्प कला जीविकोपार्जन का मुख्य साधन है। गांव के किसानो से कच्चा बांस खरीदकर ये बंसोर जाति के लोग बांस के उपयोगी एवं सजावटी वस्तुए बनाकर बाजार मे बेज कर दैनिक दिनचर्या का जीविकोपार्जन करते है।

WhatsApp Image 2025 10 20 at 15.00.10 Console Corptech

WhatsApp Image 2025 09 22 at 11.59.38 1 Console Corptech

Related Articles

प्रातिक्रिया दे

Back to top button