चैतन्य महाविद्यालय ए ग्रेड प्राप्त करने वाला प्रदेश का पहला गैर अनुदान प्राप्त महाविद्यालय बना

चैतन्य महाविद्यालय ए ग्रेड प्राप्त करने वाला प्रदेश का पहला गैर अनुदान प्राप्त महाविद्यालय बना



रायगढ़ विवि के कुलपति प्रो.  ललित प्रकाश पटैरिया ने दी नैक ग्रेड ‘ए’ प्राप्त करने वाले चैतन्य महाविद्यालय को दी शुभकामनाएं

चैतन्य इंस्टीट्यूशन इनोवेशन काउंसिल ने तीन स्टार के साथ राष्ट्रीय स्तर पर विशेष उपलब्धि प्राप्त की


जांजगीर–चांपा/ पामगढ़।  शहिद नंदकुमार पटेल विश्वविद्यालय  रायगढ़ से संबद्ध
चैतन्य विज्ञान एवं कला महाविद्यालय पामगढ प्रदेश का तीसरा ऐसा महाविद्यालय बन गया है जिसने पूरे प्रदेश में  “ए” ग्रेड प्राप्त किया है, अन्य महाविद्यालय में पीजी कॉलेज दुर्ग तथा अटल बिहारी विश्वविद्यालय  के डीपी  महाविद्यालय को यह दर्जा प्राप्त है। इसके साथ ही नॉन एडेड केटेगरी में चैतन्य महाविद्यालय पूरे प्रदेश का प्रथम ऐसा महाविद्यालय बन गया है जिसने नैक में यह बड़ी उपलब्धि प्राप्त की है।
राष्ट्रीय प्रत्यायन एवं मूल्यांकन परिषद नैक पीयर टीम के द्वारा  20 और 21 जनवरी 2025 को महाविद्यालय का नेक के विभिन्न बिंदुओं के आधार पर शैक्षणिक  सांस्कृतिक एवं सामाजिक सरोकारों से जुड़ी गतिविधियों का गहन निरीक्षण करने के पश्चात 4 मे से 3.17 अंक प्रदान कर ग्रेड “ए” की मान्यता प्रदत्त की गई है।
नैक पीयर टीम ने दूरस्थ अंचल मे राष्ट्रीय शिक्षा नीति के अनुसार भारतीय ज्ञान परम्परा के उदेश्य पर आधारित, शोध नवाचार तथा सामाजिक सहभागी के प्रयासों की विशेष सराहना की गई.
31 जनवरी का दिन महाविद्यालय के लिए एक और सफलता लेकर आया जब
महाविद्यालय के इंस्टीट्यूशन इनोवेशन काउंसिल ने राष्ट्रीय स्तर पर विशेष उपलब्धि प्राप्त करते हुए अपने नवाचार के द्वारा थ्री  स्टार  रैंकिंग प्राप्त की।महाविद्यालय के संचालक  वीरेंद्र तिवारी तथा प्राचार्य डॉ.विनोद गुप्ता एवं आईक्यूएसी समन्वयक विवेक जोगलेकर ने महाविद्यालय की सफलता हेतु शहीद नन्द कुमार पटेल विश्वविद्यालय के माननीय कुलपति प्रो. ललित प्रकाश पटैरिया द्वारा प्राप्त मार्गदर्शन एवं  नैक  के प्रक्रिया में शामिल होने के प्रोत्साहन हेतु हार्दिक आभार व्यक्त किया है।
चैतन्य महाविद्यालय के संचालक एवं शासी निकाय के अध्यक्ष वीरेंद्र तिवारी ने कहा कि हमारी संस्था का हमेशा यह प्रयास है कि हम शैक्षणिक उत्कृष्टता के नए मानदंड और छात्रों को अनुसंधान एवं नवाचार के नए अवसर प्रदान करें।महाविद्यालय के संचालक ने इस सफलता को,समस्त प्राध्यापकों कर्मचारियों एवं वर्तमान एवं पूर्व विद्यार्थियों की कड़ी मेहनत समर्पण और सहयोग का प्रयास बताया।



2001 में हुआ था चैतन्य महाविद्यालय की स्थापना

यह उल्लेखनीय है कि संचालक वीरेंद्र तिवारी  के द्वारा सन् 2001 में अपने पिता चेतन प्रसाद तिवारी की स्मृति में चैतन्य महाविद्यालय की स्थापना किया था।महाविद्यालय की स्थापना का मुख्य उद्देश्य ग्रामीण अंचल के युवाओं तक उच्च शिक्षा को सुगम बनाते हु  उनके सर्वांगीण व्यक्तित्व विकास के उद्देश्य के साथ की गई।
महाविद्यालय के संचालक वीरेंद्र तिवारी की धर्मपत्नी प्रो.गरिमा तिवारी रायगढ़ की बेटी हैं तथा प्रतिष्ठित नागरिक प्रो.जवाहर चौबे की पुत्री है  जिनका महाविद्यालय के एकेडमिक विकास में उल्लेखनीय योगदान है। महाविद्यालय की इस उपलब्धि से महाविद्यालय के समस्त क्राइटेरिया प्रभारी,शिक्षाविद डॉ शुभदा जोगलेकर, डॉ वीणा पाणी दुबे, डॉ नरेंद्र नाथ गुरिया, डॉ.ऋषभ देव पांडेय डॉ शैली ओझा पाठक, डॉ .चंचल यादव, धनेश्वर सूर्यवंशी,राजेश धीवर, संजय बघेल, राजेंद्र यादव,  नन्द डडसेना, भगवती साहू, यामिनी लहरे, नेहा साहु, डिम्पल पटेल, आकाश कश्यप, सालिकराम, सरोज बंजारे, आदि समस्त शैक्षणिक तथा गैर शैक्षणिक स्टाफ तथा विद्यार्थियों एवं संपूर्ण पामगढ़ क्षेत्र में विशेष उत्साह एवं हर्ष व्याप्त है।



इस कारण प्राप्त हुआ चैतन्य महाविद्यालय को “ए” ग्रेड का दर्जा

महाविद्यालय ने विद्यार्थियों के सर्वांगीण विकास हेतु  शिक्षण संबंधित पर्याप्त संसाधन के साथ ही शैक्षणिक गुणवत्ता  के क्षेत्र मे तो कार्य किया ही साथ ही प्राचीन धरोहर से लेकर आधुनिक नवाचार के क्षेत्र में प्रशिक्षित प्राध्यापकों ने विद्यार्थियों  को भी प्रशिक्षित करने का अदभुत कार्य किया,जैसे कि  ग्रामीण परिवेश पर आधारित ग्राम वीथिका, क्यूब होम लैब, आधुनिक वनस्पति,रसायन, प्राणिशास्त्र लैब,इनोवेशन सेल,लेक्चर कैप्चरिंग सिस्टम,के सयुंक्त निर्माण के साथ परम्परागत ग्रामीण परिवेश के ज्ञान को आधुनिक शिक्षा से जोड़ा गया. हर्बल गार्डन,सोलर पैनल, हार्टिकल्चर,मशरूम उत्पादन व प्रशिक्षण,केंचुआ खाद प्रबंधन, गौशाला के द्वारा पर्यावरण सरंक्षण के मजबूत प्रयास किये गए।आधुनिक पुस्तकालय, आधुनिक स्मार्ट क्लास,शोध कार्य के द्वारा गुणवत्ता पुर्ण शिक्षण का आधार तैयार किया गया। ई सायकल निर्माण,ड्रोन निर्माण,मूर्ति कला,कोसा कपड़ा डिजाइन, चैतन्य सृजन के द्वारा विद्यार्थियों के स्टार्टअप की व्यवस्था की गई तथा नवाचार को प्रोत्साहन देते हुए आईआईसी,शिक्षा मंत्रालय भारत सरकार से विद्यार्थियों को जोड़ा गया। गोद ग्राम के द्वारा सामाजिक सहभागिता के ठोस प्रयास किए गए तथा राष्ट्रीय एवं राज्य स्तर 35 एमओयू किए गए, जिनमे स्पीक मैके, सिजिकॉस्ट शामिल हैं। इसके साथ ही महाविद्यालय के 95 विद्यार्थियों ने पिछले 4 वर्षों मे विवि की परीक्षाओं मे प्रावीण्य सूची में स्थान बनाया वहीं महाविद्यालय के प्राध्यापकों ने 100 से अधिक शोध पत्र एवं 08 पुस्तकों का प्रकाशन किया। प्राध्यापकों, विद्यार्थियों के लिए एक अत्याधुनिक ऑडियो  वीडियो स्टूडियो का निर्माण किया गया है जिम के साथ ही सांस्कृतिक तथा खेलकूद मे भी महाविद्यालय के विद्यार्थियों ने विश्वविध्यालय का प्रतिनिधित्व किया तथा अग्रणी रहा है और नैक निरीक्षण मे सांस्कृतिक प्रस्तुति आकर्षण का केंद्र रही।





कुलपति और कुलसचिव ने दी शुभकामनाएं


शहीद नंदकुमार पटेल विश्वविद्यालय रायगढ़ के कुलपति प्रोफेसर डॉ. ललित प्रकाश पटैरिया ने महाविद्यालय की  इस उल्लेखनीय उपलब्धि को शहीद नन्द कुमार पटेल विश्वविद्यालय के अकादमिक प्रयासों की उपलब्धि बताते हुए महाविद्यालय के संचालक वीरेंद्र तिवारी एवं प्राचार्य डॉ.व्ही के गुप्ता तथा आईक्यूएसी समन्वयक विवेक जोगलेकर को अपनी शुभकामनाएं प्रेषित की है। विवि की कुल सचिव डॉ.इंदु अनंत ने l महाविद्यालय  के इस सराहनीय प्रयास पर हर्ष व्यक्त  किया है।

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