कांग्रेस में श्रमिको किसानों युवाओं की उपेक्षा – इंटक अध्यक्ष दीपक दुबे ने दिया स्थिपा




कांग्रेस में श्रमिको किसानों युवाओं की उपेक्षा – इंटक अध्यक्ष दीपक दुबे ने दिया स्थिपा


भारतीय राष्ट्रीय मजदूर कांग्रेस (इंटक) के प्रदेशाध्यक्ष दीपक ने कांग्रेस पर भ्रष्टाचार, भाई भतीजावाद, कार्यकर्ताओं की उपेक्षा,भ्रष्ट लोगों को पनाह देने का आरोप लगाते हुए कांग्रेस पार्टी से इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने अपना इस्तीफा पत्र कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष दीपक बैज सहित  राष्ट्रीय कांग्रेस के शीर्ष नेताओं को भी इस आशय का पत्र लिखा है।
दीपक दुबे  ने  कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष दीपक बैज सहित  राष्ट्रीय कांग्रेस के शीर्ष नेताओं को भी लिखे पत्र में कहा है कि वे कांग्रेस कमेटी के मजदूर कांग्रेस इंटक छत्तीसगढ़ प्रदेशाध्यक्ष के पद पर विगत 11 वर्षों से कार्य कर रहे थे। छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की सरकार बनाने में प्रदेश भर के उपेक्षित शोषित श्रमिकों ने अहम भूमिका निभाया, किंतु कांग्रेस की सरकार बनने के बाद जिन श्रमिकों मजदूरों जो प्रदेश के उद्योगों, खदानों, स्वास्थ्य शिक्षा क्षेत्र में कार्य करते हैं उनकी उपेक्षा किया गया।
उन्होंने कहा कि एफसीआई, नागरिक आपूर्ति निगम, नगर पालिका के श्रमिकों, बिजली विभाग में कार्यरत संगठित क्षेत्र, असंगठित क्षेत्रों में एस सी की एल, एनटीपीसी नगरनार के खदानों, स्टील पवार प्लांटों में कार्यरत के लिए शासन सत्ता में आने के बाद भी कांग्रेस सरकार ने कार्य नहीं किया। चार चौकड़ी की सरकार ने 5 साल तक सिर्फ कुर्सी बचाओ की लड़ाई लड़ी। मुख्यमत्री बने रहने के लिए पूरा प्रदेश में लुट की राजनीति की।
उन्होंने कहा कि दवा, दारू, शिक्षा, बिजली, पानी, नगरीय निकायों, ग्रामीण विकास विभाग सहित जिस नरवा, गरवा ,घुरवा और बाड़ी को छग में मॉडल के रूप में प्रस्तुत किए, उसके नाम पर लुट भ्रष्टाचार की खुला छूट बंदरबाट किए। गाय गोबर के नाम कांग्रेस कार्यकाल में नरवा, घूरवा तक को बड़े बड़े बिल्डर को बेच दिए। कोरोना महामारी को लूट का अवसर बनाकर दवा खरीदी में हजारों करोड़ की घोटाला किया गया।
उन्होंने कहा कि ग्रामीण विकास मंत्रालय में विभिन्न योजनाओं पर हजारों करोड़ का घोटाला हुआ। चंद लोगों ने मिलकर पूरा मंत्रायल में एकाधिकार कर मुख्यमंत्री की कुर्सी ढाई / ढाई साल की लड़ाई की ओर ध्यान केंद्रित कर प्रदेश के लोगों को  गुमराह करते रहे। आज छत्तीसगढ़ कांग्रेस में जो लुट हुआ,  दुर्गति हुई।  इसके लिए पूर्व कांग्रेस की सरकार जिम्मेदार है। 
उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि कांग्रेस विपक्ष में रहते हुए झीरम घाटी नर संहार में शहीद हुए नेताओं की जो पुख्ता सबूत अपने जेब में लेकर घूमती थी। उनको भुलाकर घटना स्थल में भी शहीद स्मारक बनाने में घोटाला करने से बाज नहीं आए। झीरम घाटी में घायल कांग्रेसियों की सुध नहीं लेकर उनको कांग्रेस छोड़ने मजबूर किया गया।
उन्होंने कहा कि यहां तक 72 विधायक से 35 में जो पहुंचे उसके लिए भी टी एस सिंहदेव भूपेश बघेल और चार चौकड़ी सीडी महंत, ताम्रध्वज साहू, रविन्द्र चौबे,शिव डहरिया, मोहमद्द अकबर, प्रदेश के वन टेन अपराधी जिसके ऊपर 11 से अधिक अपराधिक प्रकरण है जयसिंह अग्रवाल को राजस्व विभाग देकर छग की सरकारी संपत्ति जमीनों को लूटने का लायसेंस दे दिया गया।उस समय के तत्कालीन प्रदेश अध्यक्ष मोहन मरकाम को  कठपुतली बना दिया, जिसको जिलाध्यक्ष बदलने के लिए चरणदास महंत ने देख लेने की धमकी देकर बार बार दिल्ली दौरा करते रहे। इन सभी का प्रदेश को लूटने में महत्वपूर्ण भूमिका है, ये सब जिम्मेदार है। विधायकों को काम नहीं करने दिया गया। उनके स्वेच्छा अनुदान विधायक मद पर चार चौकड़ी ने मनमानी की। उनको कोटवार से भी बदतर बनाकर  मुख्यमंत्री की लड़ाई में सिर्फ दिल्ली घुमाते रहे।
उन्होंने कहा कि प्रदेश के सभी मंत्रालय निगम मंडलों में एक लाख करोड़ से ज्यादा की घोटाला कर सिर्फ कुर्सी की लड़ाई साढ़े चार साल तक लड़ते रहे। अंत में टी एस सिंहदेव ने उप मुख्यमंत्री के पद लेकर कांग्रेस कार्यकर्ताओं और प्रदेश के लोगों में पद लोलुपता की संदेश दिए और बता दिया वह भ्रष्ट और भ्रष्टाचार के साथ है। उसके मंत्रालय में हजारों करोड़ की भ्रष्टाचार अनपढ़ नही होते हुए भी किया, जो मजदूर श्रमिक किसान साल के 365 दिन बोरे बासी खाकर मजदूरी करते हैं उन्हें मजाक बनाकर मजदूर दिवस के दिन भी बोरे बासी खिलाए और इन चार चौखड़ियो ने प्रदेश में लुट मचाकर मलाई खानें का काम किए।
उन्होंने कहा कि इंटक जैसे मजदूर संघ को कई गुटों में बाट कर जो मजदूरों के शोषक है जिसके ऊपर 420 के मामला है जो छग कांग्रेस कमेटी को अपने जूतों में रखता है प्रदेश के हजारों युवाओं को नौकरी लगाने के नाम पर श्रमिकों के पीएफ ई एस आई की गबन करने वाले संजय सिंह संजीवा रेड्डी को दमांद बनाकर रखे हो वह उद्योगपतियों के दलाली करते है। श्रमिक संगठन में बिना चुनाव के फर्जी संगठन के स्वयंभू नेता बनकर मजदूरों की रोजी में कमीशन खोरी कर कांग्रेस के कुछ नेताओं को पालने के काम करते हैं। उनके पक्ष लेकर प्रदेश के लाखों मजदूरों को उनके अधिकार से वंचित किया गया है ।
उन्होंने कहा कि बिना पीएफ, मेडिकल फंड के आधा पेमेंट में 12/12 घंटा काम करने को विवश किया है। उद्योगपतियों से मंत्रियों के साठगांठ की वजह से उनके कोई सुनवाई नहीं हुआ। फर्जी संगठन चला श्रमिकों को नौकरी से निकालने पर उनके खिलाफ लड़ाई लड़ने वालों पर फर्जी एफआईआर कांग्रेस के बिलासपुर संभाग के सबसे बड़े तथाकथित नेता के दबाओं में होता रहा, जो प्रदेश के दारू सट्टा कोयला भूमाफिया गैर कानूनी कार्यों के सरगना है जिसके अगल बगल में यही लोग रहते है जिस तथाकथित इंटक के कांग्रेस कमेटी से दो गुना  सदस्य हैं, फिर भी हार हुई। 
यहां तक कांग्रेस कमेटी के कोषाध्यक्ष राम अवतार अग्रवाल द्वारा 6 करोड़ों की घोटाला कांग्रेस कोष में ही भूपेश बघेल के सलाहकार की कंपनी पर कर दिया। सोलर पैनल के नाम पर कई करोड़ ग्रामीण विकास विभाग द्वारा फर्जी भुगतान किया गया। इस तरह लुट मचाकर पूरा प्रदेश के साथ कार्यकताओं के दिए चंदा को भी लूटा। पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल पूर्व उप मुख्यमंत्री टी एस सिंहदेव ने रमन सिंह के कार्यकाल में हुए लाखों करोड़ों की घोटाला बीजेपी नेता के भ्रष्टाचार पर कार्यवाही करने उनको जेल भेजने की वादा कर उनसे दोस्ती रिश्ता निभाते रहे और आज खुद जेल जाने के कगार में है।
उन्होंने कहा कि एक अनपढ़ को आबकारी उद्योग मंत्री बनाकर विभाग में लुट की राजनीति की। इसके लिए उस समय के राज्यपाल,छग विधानसभा अध्यक्ष, कांग्रेस कमेटी के प्रभारी पी एल पुनिया, राहुल गांधी , प्रियंका वाड्रा,के सी वेनुगोपाल, और प्रदेश कांग्रेस कमेटी जिम्मेदार हैं। क्या कोई अनपढ़ को इस तरह जिम्मेदार पद दे सकते है जो अपने शपथ पत्र भी नहीं पढ़ना जानता।
विधानसभा अध्यक्ष अपना एकाधिकारी चलाते हुए। पांच साल में विधायकों के प्रशन काल, जांच कमेटी को कचरा में डाल दिया। दिल्ली से अपने लिए सचिव बुलाकर छग के अधिकारियों को वंचित कर फर्जी नियुक्तियों पर कार्यवाही नहीं किए। आज बिलासपुर संभाग के जिलों में लुट चल रहा है आज सालों से भूविस्थापित दर दर भटक रहे रहे है।
उन्होंने कहा कि सुकमा में हुए पत्रकार साथी मुकेश चंद्राकर की हत्या जिस सड़क समाचार पर हुआ 52 करोड़ की सड़क 150 करोड़ हो गया। उसके 90 प्रतिशत भुगतान भी हो गए। क्या कवासी लखमा या बस्तर के कांग्रेस नेताओ को बस्तर में हो रहे इस तरह के भ्रष्टाचार नहीं दिखता। बस्तर और सरगुजा में 5 साल सिर्फ लूटने की काम किए है। पत्रकार सुरक्षा कानून के नाम पर सिर्फ राजनीति किए आज प्रदेश के कई जिलों में चिट फंड।
ठगी के जाल फैला है वह इन्हीं के रहमो करम में हुआ फर्जी जाती प्रमाण पत्र से नौकरी करने वालों पर रहम करते रहे। दागी भ्रष्ट अधिकारियों को संरक्षण देते रहे संगठित गिरोह बनाकर सिर्फ चार चौकड़ी की सरकार चलाए। इन सब से व्यथित होकर मै अपने संघटन के प्रदेश जिला ब्लाक पदाधिकारियों के साथ अपना इस्तीफा देता हूं। कांग्रेस और बीजेपी दोनों ही दिल्ली से चलता है और प्रदेश को लूट कर दिल्ली को खुश कर सरकार चलता है!
इससे अच्छा होगा कि मैं स्वतंत्रता के साथ अपने कार्यकर्ताओं को लेकर छत्तीसगढ़ के आमजनों जल जंगल जमीन की रक्षा करने शोषित दबे कुचले आदिवासी,दलित ओबीसी सामान्य और अल्प संख्यक बाहर से आकर छत्तीसगढ़ में रह रहे लोगों की हित में कार्य कर सकू !


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