चांपा नगर में बिजली की आंख मिचौली से जनता परेशान

चांपा नगर में बिजली की आंख मिचौली से जनता परेशान
चांपा । जिले में चांपा नगर में पहले कभी कभी ही बिजली जाया करती थी परंतु विगत दो सालों में प्रायः रोजाना बिजली की आंख मिचौली जारी है जिससे जनता को बड़ी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। आजकल रोजमर्रा की जिंदगी को पूर्ण रूप से बिजली के इस्तेमाल से जोड़ दिया गया है । घर हो या दुकान या ऑफिस सभी जगह बिना बिजली सब सुना है। क्योंकि सभी जगहों पर बिजली से चलने वाले उपकरणों का इस्तेमाल ही क्या जाता है आजकल तो प्रचार के लिए ही डिजिटल बोर्ड लगे हुए है जो बिना बिजली के नहीं चल सकते परंतु चांपा नगर में बिजली विभाग की मेहरबानी से सब धरा का धरा रह जाता है क्योंकि नगर में रोजाना न जाने कितनी बार बिजली काट दी जाती है । और सवाल करने पर विभाग के अधिकारी और कर्मचारी एक ही दुहाई देते है और वो है मेंटेनेंस का । अगर रोज मेंटेनेंस हो रहा है तो 2 सालों से रोजाना बिजली गोल क्यों।  क्या चांपा नगर की जनता की इस समस्या को गंभीरता से लेते हुए शासन कोई कदम उठाएगी या बस ऐसे ही समस्या बनी रहेगी।


समझ से परे है….
नगर में रोज की बिजली कटौती लोगो के समझ से परे होती नजर आ रही है। क्योंकि बिजली उपभोक्ताओं की जेब में गहरा असर महीने में आने वाला बिजली बिल डाल रहा है तो वही रोजाना की बिजली गुल हो जाने से जनता के परेशानी का सबब बना हुआ है।

क्या आंदोलन करवा कर मानेगी बिजली विभाग

रोजाना की बिजली की आंख मिचौली के जनता में आक्रोश पनप रहा है पता नहीं क्या बिजली विभाग जन आंदोलन की प्रतिक्षा कर रही है या उससे भी बड़ा कोई आंदोलन करवा कर ही चांपा नगर में बिजली की व्यस्था दुरुस्त हो पाएगी।

नगर में हो रही राजनीति

अभी कुछ दिनों पहले दोनों दलों के नेताओं ने बिजली विभाग पहुंचकर अपना अपना ज्ञापन सौंपकर बिजली व्यस्था को दुरुस्त करने की मांग रखी। बावजूद इसके नगर में बिजली की समस्या जस की तस बनी हुई है । क्या बिजली विभाग पहुंचकर नेताओं द्वारा ज्ञापन सौंपा जाना राजनीति स्टंट तो नहीं।यह जानत के बीच आम चर्चाओं का विषय बना हुआ जो कि नगर की आम चौक चौराहों पर देखने को और सुनने को मिल रहा है।

क्या कहते है अधिकारी
बिजली विभाग के बड़े अधिकारी अपने एयर कंडीशनर रूम में बैठ कर यह कहते नजर आते है कि विभाग अपना काम कर रहा है। आवश्यक होने पर विभाग द्वारा समय समय पर सूचना देकर बिजली बंद की जाती है ।  तो वही इसके विपरीत उनसे रोजाना बिजली की समस्या पर बात करना चाही गई तो बात को आया गया करते हुए टालमटोल जवाब देते नजर आते है  । और वही विभाग से जुड़े कर्मचारियों से इस विषय में कुछ पूछा जाए तो वह अपने बड़े अधिकारियों के आदेशों का पालन करने की बात कहते नजर आते है ।

अब सवाल यह है कि अगर विभाग अपना मेंटेनेंस का कम पूरी ईमानदारी से कर रहा है तो नहीं में बिजली की समस्या रोजाना क्यों बनी हुई है। देखना यह यही कि इस पर शासन कोई ठोस कदम उठाएगी या बाकी समस्या की तरह इस पर भी राजनीति जारी रहेगी।

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