
कांग्रेस में 1 दर्जन के बाद भाजपा में डेढ़ दर्जन नाम अध्यक्ष की दौड़ में
चांपा। नगरी निकाय चुनाव को लेकर आरक्षण की प्रक्रिया पूर्ण होने के बाद में नगर में चुनावी सरगमी बढ़ गई है। चांपा नगर पालिका का सामान्य सीट घोषणा होने के बाद से अध्यक्ष लडने वाले की जैसे बाढ़ सी आ गई है ।
कांग्रेस ने करीब एक दर्जन नाम निकल कर आई थे तो वही सत्ता पक्ष में कार्य कर रही भाजपा में डेढ़ दर्जन यानी करीब 17 से 18 लोगो का नाम अध्यक्ष की दौड़ में शामिल होगया है। जिसके बाद हर वो आदमी जो अपने आप को अध्यक्ष पद हेतु होनहार मान रहा है वह सभी अपने उच्च नेताओ से टिकट की मांग हेतु चक्कर लगाना चालू कर दिए है।
कांग्रेस हो या भाजपा सभी में बड़े नेताओं का इंटरफेयर
बात अगर चुनाव की हो या कुछ और अपने आप में बड़े कहलाने वाले नेताओ का इंटरफेयर तो बनता ही है और अगर पूछा नही गया तो हो जायेगा बंटाधार । किया यही वो समय है जिसमे बड़े नेताओं की पूछ परख बढ़ जाती है क्योंकि संगठन में टिकट की दौड़ में शामिल प्रत्याशी को उच्च पद में बैठा ही अपनी रजामंदी देकर टिकट दिलाने के लिए अपने और उच्च पद में बैठे नेताओ को सिफारिश करता है जिसके बाद उसके जीत का आकलन कर पार्टी उसे टिकट देती है जो बाजार में अपनी दुमदारी प्रस्तुत कर पार्टी का झंडा ऊंचा रखने में कामयाब हो सकता है।
भाजपा में संगठन के आदेश का महत्व
अभी तक देखने को यह मिला है की भाजपा संगठन ने जिसे भी जिस योग्य समझा है और दायित्व प्रदान किया है तो बाकी के लोग उनके साथ कार्य करने में लग जाते है । इसीलिए कहा जाता है की भाजपा में संगठन का आदेश सरेपरी रहता है।
परंतु टिकट तो एक ही है
आपको बता दे की प्रत्याशियों के दौड़ में भले ही दर्जनों नाम शामिल होंगे परंतु टिकट तो एक ही है मिलेगी भी किसी एक को और जीते भी कोई एक ।
अब देखना यह होगा उपर बैठे बड़े नेता किस दावेदार को टिकट देकर चुनावी मैदान में उतारती है और किसी जीत होगी।